एक नाकाम शख्स की कलम


सवाल पुछने से डर लगता हैं अब मुझे,
अक्सर जवाब के बदले सवाल मिला हैं मुझे.

मैं सो भी जाऊं तो क्या हैं मुनाफा मेरा,
अक्सर नींद से पेहले हर ख्वाब मिला हैं मुझे.

जारी रही जिंदगीभर सबके काम आने की कोशिश,
फिर सबसे बडे नाकाम का खिताब मिला हैं मुझे.

मैं रेहता था हमेशा जिसकी तरफ,
वही से हमारे खिलाफ इन्किलाब मिला हैं मुझे.

खुश ना हो सजा सूनकर तो क्या करुं मैं,
सजा में पूनम का मेहताब मिला हैं मुझे.